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History
Maa Sheetla Charitable Trust, led by Shri Dudhanath Giridhari Shukla Ji since January 28, 2007, had its origins in the construction of a revered temple dedicated to Maa Sheetla. Shri Shukla Ji's wife, Shrimati Sonakali Shukla Ji, brought a divine flame from the Shaktipeeth Shri Kade Dham 'Sheetalan' in Kaushambi, establishing it as a temple. Evolving from a singular temple, it transformed into the Maa Sheetla Charitable Trust.
This institution, considered a part of a Shaktipeeth, conducts regular worship for Maa Sheetla. Devotees strongly believe that genuine faith and trust have the power to fulfill all desires. The temple has witnessed numerous stories of unwavering faith, amplifying its significance over time.
Beyond its spiritual dimension, the temple serves as a hub for community engagement and service. Its importance spans into various aspects such as Ayurveda, healthcare services, education, and community welfare. The trust, in line with its spiritual ethos, also contributes to societal well-being.
One noteworthy aspect is the provision of free medical services for the community, emphasizing not only spiritual empowerment but also humanitarian efforts. The trust aids the underprivileged, embodying the principles of selfless service and community upliftment. It has grown beyond a mere place of worship, evolving into a holistic center contributing to the physical, mental, and spiritual well-being of the community.
In essence, Maa Sheetla Charitable Trust has become a spiritual organization that not only fosters religious devotion but also makes significant contributions to community service and societal welfare. It exemplifies the harmonious integration of spirituality and social responsibility, creating a space where individuals can find solace, seek spiritual growth, and actively participate in collective efforts for the greater good. The trust's endeavors reflect a profound commitment to both spiritual and humanitarian values, embodying the essence of holistic well-being.
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Schedule
Maa Sheetla Krupa Mandir Schedule
Everyday Morning 3:00 A.M. till Evening 8:00 P.M
03:00 A.M.
Mandir Opens
02:30 P.M.
Mandir Opens(Evening)
06:00 A.M.
Morning Prayer
06:00 P.M.
Evening Prayer
12:00 P.M.
Mandir Closes(Afternoon)
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Activites
Anna Daan
The trust organizes a yearly food donation program where they invite a large number of needy individuals and revered saints. Respectfully, food is offered to them as a form of charity and honor. All devotees participating in this event are invited to contribute to the act of donating food according to ..
Blanket Distribution
With the onset of winters, the trust conducts a program distributing blankets to all the needy individuals in its region. The trust donates blankets and warm clothing to each person in need, also arranging for additional ..
Medical Camp
The trust periodically organizes free medical camps in the area, providing check-ups and proper treatment for various illnesses. Adequate guidance and counseling are also provided. Additionally, blood donation camps are set up, offering assistance to those in need. Proper care and follow-up for..
Tree plantation
The trust regularly conducts tree plantation programs for environmental development and care. These programs involve planting a large number of new trees and nurturing them for their growth and well-being.
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इतिहास
माँ शीतला चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालन श्री दूधनाथ गिरिधारी शुक्ला जी द्वारा 28 जनवरी २०07 में किया गया था। यह ट्रस्ट उस समय शुरू हुआ था जब एक प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण किया गया था, जो माँ शीतला को समर्पित था। श्री शुक्ला जी की धर्मपत्नी श्रीमती सोनकली शुक्ला जी ने शक्तिपीठ श्री कड़े धाम 'शीतलन' कौशांबी से दिव्य ज्योति प्रज्वलित करके बड़े ही धूमधाम से लाया था और विधिवत उसकी पूजा-आराधना करके एक मंदिर के रूप में स्थापित किया था। बाद में, यह मंदिर एक बड़े मंदिर बन गया और फिर 'माँ शीतला चैरिटेबल ट्रस्ट' के रूप में परिवर्तित हो गया।
इस मंदिर को शक्तिपीठ का एक हिस्सा माना जाता है, जहाँ नियमित रूप से माता शीतला की पूजा-अर्चना होती है। लोग मानते हैं कि यहाँ आने वाले भक्तों की सच्ची श्रद्धा और विश्वास से माँ शीतला सभी मनोकामनाएँ पूरी करती हैं। यहाँ आने वाले भक्तों की अनगिनत कहानियाँ और उनकी माँ शीतला की असीम श्रद्धा और विश्वास ने समय के साथ-साथ इस मंदिर की महत्ता को और अधिक बढ़ा दिया है।
यहाँ की भक्ति और मान्यताएँ भक्तों को न केवल आध्यात्मिक शक्ति से जोड़ती हैं बल्कि समुदाय को एक साथ आने और सेवा करने का भी अवसर प्रदान करती हैं। इस मंदिर का महत्व विभिन्न आयुर्वेदिक उपचारों, मानव सेवा के क्षेत्र में जागरूकता, शिक्षा, और समाज कल्याण में उनके सामर्थ्य को बढ़ावा देने में भी है।
माँ शीतला चैरिटेबल ट्रस्ट ने समाज में रोगीयों के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के साथ ही गरीब और निर्धन लोगों की सहायता करने का भी कार्य किया है। यहाँ आये लोग दान प्रदान, आयुर्वेदिक उपचारों का लाभ उठाते हैं और समाज में जागरूकता फैलाने के कार्यों में भाग लेते हैं।
इस तरह से, माँ शीतला चैरिटेबल ट्रस्ट ने मानवता के लिए एक प्रकार का आध्यात्मिक संगठन बनाया है जो न केवल धार्मिकता को प्रोत्साहित करता है बल्कि साथ ही समाज सेवा में भी अपना योगदान देता है।
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कार्यक्रम
माँ शीतला देवी मंदिर का कार्यक्रम
प्रत्येक सुबह ३:०० से रात्रि 8:०० बजे तक भारतीय मानक समय (IST)
03:00 ए.एम्
प्रातः मंदिर खुलने का समय
02:30 पी.एम्
शाम मन्दिर खुलने का समय
06:00 ए.एम्
प्रातः आरती
06:00 पी.एम्
शाम आरती समय
12:00 ए.एम्
मन्दिर बंद होने का समय
होम > मंदिर > सेवाकार्य
सेवाकार्य
अन्न दान
ट्रस्ट द्वारा हर वर्ष अन्न दान का कार्यक्रम किया जाता है । जिसमें ट्रस्ट एक बड़े पैमाने पे ज़रूरत मंद लोगों को तथा साधु संतों को आमंत्रित कर उन्हें आदरपूर्वक अन्न दान दिया जाता है, उनका सत्कार किया जाता है। इस कार्यक्रम में सभी भक्त आमंत्रित रहते हैं जो अपने सामर्थ्य और श्रद्धा के अनुसार अन्न दान में सहभागिता ले सकते हैं।
कंबल दान
सर्दियों के आगमन से ही ट्रस्ट अपने क्षेत्र के सभी ज़रूरतमंदों में कंबल वितरण का कार्यक्रम आयोजित करवाता है। जिसमें ट्रस्ट एक-एक ज़रूरतमंद को कंबल और गर्म कपड़े दान देता है। और उन्हें सर्दियों से बचने के लिए अलाव की भी व्यवस्था करवाता है।
मेडिकल कैम्प
ट्रस्ट द्वारा क्षेत्र में समय समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है। जिसमें सभी रोगों की जाँच व उनका सही इलाज किया जाता है । तथा उचित परामर्श प्रदान किया जाता है । साथ ही साथ ब्लड डोनेशन का भी कैम्प लगाया जाता है और ज़रूरत मंद की मदद की जाती है । रोगियों की उचित देखभाल व रख रखाव किया जाता है ।
वृक्षारोपण
पर्यावरण के विकास व देखभाल के लिए ट्रस्ट समय समय पे वृक्षारोपण का कार्यक्रम करवाता रहता है। जिसमें एक बड़ी संख्या में नये-नये पेड़-पौधे लगाये जाते हैं व उनका देखभाल किया जाता है।