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Maa Sheetla Charitable Trust
The Maa Sheetla Charitable Trust is located in the village Kunwarpati Meja, about 50 kilometers from Tirtharaj Sangam in Prayagraj, Uttar Pradesh. This temple is situated at a distance of merely 135 km from the renowned Kade dham temple. The trust was established on January 28, 2007, by the memorable efforts of Shri Dudhanath Giridhari Shukla. The inspiration for founding the trust came through a divine dream experienced by Revered Dadi Ji, where she received direct guidance from Maa Sheetla. The primary objective of this trust is to selflessly serve and provide facilities to those in need. For this purpose, the trust regularly organizes free medical camps, educational camps, food camps (bhandara), and religious and social gatherings at regular intervals. The philosophy of the trust is to reach out to as many people as possible, and to achieve this, cultural programs are also organized from time to time. In addition, the trust conducts skill development workshops for the youth, fostering the development of skills that can make their lives meaningful. It also encourages self-employment among women, promoting the art of living with inspiration and self-respect. The trust remains dedicated to ensuring good education, healthcare, and nutritious food for people in society. Maa Sheetla Charitable Trust envisions a well-organized, educated, and developed society and continuously works towards realizing this vision.
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Founder
Pandit Dudhnath Giridhari Shukla Ji
23/06/1941 - 17/05/2021
The founder of the Maa Sheetla Charitable Trust is Pandit Dudhanath Giridhari Shukla Ji, who established it on January 28, 2007. Pandit Ji was born on June 23, 1941, in a humble farmer's family in Kaushambi. His early life was filled with struggles, but later, he moved to Mumbai to live with his elder sister and became involved in livelihood activities.
Pandit Shukla Ji harbored an unwavering devotion and faith in Maa Sheetla (Kade Dham) from the very beginning. Despite facing numerous challenges, he gradually progressed in his career. In his early days, he had made a commitment that when he establishes his business and livelihood, he will create a temple for Maa Sheetla in his village and initiate the establishment of a trust in her name.
With the blessings of Maa Sheetla and the growth of his business, he fulfilled his commitment. In his village, he founded the Maa Sheetla Charitable Trust and constructed the grand temple dedicated to Maa Sheetla. He aimed to give back to his roots and contribute to the welfare of the community.
Pandit Shukla Ji's business achievements and everything he accomplished in his life were attributed to the blessings of Maa Sheetla Kade Dham. Unfortunately, he passed away on May 17, 2021, and now his son and grandson are carrying forward the legacy of the trust. They continue to illuminate Pandit Ji's legacy and uphold the principles of Maa Sheetla Charitable Trust.
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Our Mission
The main objective of Maa Sheetla Charitable Trust is to promote the complete development of humanity and provide assistance to economically, educationally, and socially disadvantaged individuals, fostering the communication of human values within society. To achieve this goal, the trust organizes various programs from time to time. These programs include free medical camps for the health of the people, distribution of blankets during winter for those in need, food donation drives, educational camps, skill development workshops for youth, distribution of sewing machines to make women self-reliant, provision of wheelchairs, walkers, hearing aids, glasses, etc., for physically challenged individuals, distribution of scholarships for the education of girls, and organizing religious events such as stories, ceremonies, and worship for spiritual development. The trust is committed to establishing a well-organized, developed, educated, and healthy society. It continuously conducts these diverse programs to address the multifaceted needs of the community and contribute to the overall upliftment of society.
होम > विषय > माँ शीतला देवी चैरिटेबल ट्रस्ट
आयोजन व त्योहार
माँ शीतला चैरिटेबल ट्रस्ट तीर्थराज संगम, प्रयागराज से 50 किलोमीटर दूर ग्राम कुंवर पति मेजा प्रयागराज उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर प्रसिद्ध कड़े धाम से महज़ 135 किमी की दूरी पे है । इस ट्रस्ट की स्थापना प्रातः स्मरणीय कीर्तिशेष श्री दूधनाथ गिरिधारी शुक्ल जी द्वारा 28 जनवरी सन् २०07 में की गई । ट्रस्ट स्थापना की प्रेरणा पूजनीय दादी जी को माँ शीतला के साक्षात स्वप्न दर्शन के माध्यम से प्राप्त हुई । इस ट्रस्ट का मुख्य उद्येश्य निःस्वार्थ भाव से, मूलभूत सेवाओं से वांछित रहने वाले लोगों की सेवा करना तथा उन्हें सुविधाएँ प्रदान करना है । इसके लिए ट्रस्ट छोटे छोटे अंतरालों पर निःशुल्क मेडिकल शिविर, शिक्षा शिविर, भोज शिविर( भंडारा ), धार्मिक और सामाजिक शिविरों का आयोजन करता रहता है । ट्रस्ट की विचारधारा अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचे इसके लिए समय समय पर सांकृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है । युवाओं में कौशल विकास हो इसके लिए भी कौशल विकास शिविर का आयोजन किया जाता है। जिससे युवा अपने अंदर किसी ना किसी कौशल को विकसित करके अपने जीवन को सार्थक बना सकें। साथ ही साथ ट्रस्ट महिलाओं में स्वरोज़गार की प्रेरणा तथा आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने की कला को भी विकसित करने में मदद करता है । समाज में लोगों को अच्छी शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था, सुभोजन प्राप्त हो सके इसके लिए ट्रस्ट सदैव समर्पित रहता है । माँ शीतला चैरिटेबल ट्रस्ट एक सुव्यवस्थित, सुसंगठित, शिक्षित एंव विकसित समाज की कल्पना करता है तथा उसे परिणति करने की दिशा में अग्रसर रहता है।
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निर्माता
पंडित दूधनाथ गिरिधारी शुक्ला जी
23/06/1941 - 17/05/2021
ट्रस्ट के संस्थापक कीर्तिशेष पंडित दूधनाथ गिरिधारी शुक्ला जी हैं जिन्होंने इसकी स्थापना 28 जनवरी सन् २०07 में की । पंडित जी का जन्म २३ जून सन् १९४१ को कौशांबी के एक बहुत ही साधारण किसान परिवार में हुआ
शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा रहा । बाद में ये अपनी बड़ी बहन के घर मुंबई आ गये और जीवन यापन की व्यवस्था में लग गये। शुक्ला जी के ह्रदय में शुरू से ही माँ शीतला ( कड़े धाम ) के प्रति अनन्य भक्ति और श्रद्धा थी । काफ़ी संघर्षों के पश्चात रोज़गार की गाड़ी आगे बढ़ने लगी । अपने शुरुआती दिनों में ही इन्होंने प्रण लिया था की जिस दिन मेरा रोज़गार, व्यवसाय स्थापित हो जाएगा मैं अपने गाँव में माता शीतला की एक मंदिर और माता जी के नाम पर ट्रस्ट की स्थापना करूँगा
संयोग से माता रानी की कृपा हुई और इनका व्यवसाय बढ़ चला, फिर इन्होंने अपने गाँव …. में माँ शीतला चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की और माता शीतला के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया।
अपने व्यवसाय को असमान की ऊँचाइयों तक ले गये और अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया उसका श्रेय सदैव माँ शीतला कड़े धाम को दिया । १७ मई सन् २०२१ में पंडित जी गोलोक वासी हो गये । अब इस ट्रस्ट को उनके बेटे और पोते लोग चला रहे हैं और पंडित जी की कीर्ति को और भी प्रकाशित कर रहे हैं ।
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हमारा मिशन
माँ शीतला चैरिटेबल का मुख्य उद्दयेश्य मानवता का पूर्ण विकास करना तथा समाज में आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता करना और उन में मानवीय मूल्यों का संचार करना है । जिसके लिए ट्रस्ट द्वारा समय समय पर अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जैसे लोगों के स्वास्थ्य के लिए निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन, सर्दियों में कंबल वितरण का आयोजन,अन्न दान, शैक्षणिक शिविरों का आयोजन, युवाओं में कौशल विकास के लिए शिविर का आयोजन, महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें सिलाई मशीन का वितरण, शारीरिक रूप से असमर्थ अथवा दिव्यांग जनो के लिए व्हीलचेयर, वाक़र, कान की मशीन, चश्मा आदि का वितरण, बेटियों की शिक्षा के लिए छात्रिवृति का वितरण, धार्मिक विकास के लिए कथा, हवन, पूजा आदि कार्यक्रमों का आयोजन समय समय पर होता रहता है । ट्रस्ट का संकल्प एक सुव्यवस्थित, विकसित, शिक्षित, स्वास्थ्य समाज की स्थापना करना है।